एक तस्वीर पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि युवा रेलवे में भर्ती को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस फोटो को कांग्रेस युवा मोर्चा दिल्ली ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. यही नहीं नेशनल हेराल्ड की न्यूज वेबसाइट पर भी ये तस्वीर मोदी सरकार पर तंज के साथ मौजूद है.

The News Postmortem ने इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए पड़ताल शुरू की. दरअसल जिस बेरोजगारी और भर्ती को लेकर बात की जा रही है वो आन्दोलन वाकई देश के अलग-अलग शहरों में इसी 5 सितम्बर को हुआ था. जिसमें केंद्र की मोदी सरकार पर युवाओं और विपक्षी दलों ने निशाना साधा था. इसी के तहत ही दिल्ली यूथ कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर ये तस्वीर पोस्ट की. जिसे तीन हजार से ज्यादा लोगों ने रिट्वीट और लाइक किया.
इस तस्वीर के साथ ही नेशनल हेराल्ड अखबार की वेबसाइट पर भी एक खबर अंग्रेजी में मिली. जिसमें मोदी सरकार को घेरा गया.

हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो हमें कई रिजल्ट मिले. इस तस्वीर के साथ हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया का 23 मार्च का एक लिंक मिला. जिसमें 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद लोगों ने थाली पीती थी. लोग इस दिन अतिउत्साह में सड़कों पर आ गए थे और जुलूस तक निकाला था का जगह. यानि जिस दावे के साथ ये तस्वीर सर्च की जा रही थी वो असली नहीं है.

Postmortem रिपोर्ट: पड़ताल में ये साबित हो गया कि ये फोटो 5 सितम्बर को बेरोजगारों के थाली पीटने का नहीं बल्कि इसी साल 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद का है.