कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप अब थोड़ा कम होने लगा है. पिछले 24 घंटे की बात करें तो देश में 1.32 लाख नए केस सामने आए हैं, जबकि 3207 जानें इस बीमारी से गई हैं. अब तक कोविड के देश में कुल 2.83 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं. केंद्र सरकार की तरफ से वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए गांवों में वैक्सीनेशन कैंप लगाए जा रहे हैं.
सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है. इस पर लिखा है, किसान आंदोलन के चलते कोरोना वैक्सीन का किया विरोध, अब 20 दिनों में गांंव में हुईं 16 मौतें. इस स्क्रीनशॉट को शेयर करके भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत और किसान आंदोलन पर निशाना साधा गया है. भाजपा नेता नरेंद्र कुमार चावला ने भी इस स्क्रीनशॉट को शेयर किया है.
अरुण यादव फैन ट्विटर हैंडल से भी इसको पोस्ट करते हुए लिखा गया है कि कुंभ में भीड़ जुटने पर सवाल उठाए जाते हैं और इसे कोरोना फैलने का खतरा बताया जाता है लेकिन किसानों के जमावड़े पर कोई सवाल नहीं क्योंकि कांग्रेसी इसे सपोर्ट कर रहे हैं. आई अपोज कनवर्जन की तरफ से इस स्क्रीनशॉट को पोस्ट किया गया है.
The News Postmortem ने इसकी पड़ताल के लिए गूगल पर छानबीन की तो हरियाणा पंजाब केसरी की खबर का लिंक मिला. वायरल स्क्रीनशॉट पंजाब केसरी की खबर का है. 22 मई को छपी खबर के मुताबिक, मामला हरियाणा के जींद के रूपगढ़ गांव का है. गांव की आबादी 4500 है. कुछ समय पहले इस गांव के लोग कोरोना को अफवाह मानते थे. जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्रामीणों को वैक्सीन लगाने के लिए गांव में पहुंचती थी तो गांव वाले किसान आंदोलन के समर्थन में उन्हें भगा देते थे. ऐसा आठ बार हुआ था. इसके बाद गांव में रोजाना मौतें होने लगीं. हालत यह हो गई कि 20 दिन में करीब 16 लोगों की मौत हो गई. कई लोग कोरोना की चपेट में आ गए. इससे गांव वालों की नींद खुली और गांव में सैनिटाइजेशन शुरू हो गया. साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम को बुलवाकर वैक्सीन भी लगवानी शुरू कर दी.

कुछ ऐसा ही हाल जींद के जफरगढ़ गांव का भी है. 15 मई को पंजाब केसरी में छपी खबर के अनुसार, गांव में एक माह में 20 मौतें हुई हैं. गांववाले शहर से आकर कोरोना टेस्ट करवाने से मना कर रहे हैं. इस वजह से यह पता नहीं चल रहा है कि मौत कोरोना से हुई है या वायरल से. ग्रामीणों को डर है कि कहीं कोरोना निकलने पर उनको अस्पताल में आइसोलेट न कर दिया जाए. वहीं, कुछ लोगों को डर है कि वैक्सीन से उनकी मौत न हो जाए. लगातार मौतें होने पर गांववालों ने स्वास्थ्य विभाग से डॉक्टरों की टीम भेजने को कहा है. इसी तरह का मामला हरियाणा के गांव चांदपुर में भी सामने आ चुका है. इस संबंध में अमर उजाला में 24 अप्रैल को खबर छपी थी.
Postmortem रिपोर्ट: हरियाणा के कई गांवों में इस तरह के मामले सामने आए हैं. जींद के रूपगढ़ गांव में पहले तो ग्रामीणों ने किसान आंदोलन के समर्थन में वैक्सीनेशन को विरोध किया था लेकिन मौतें होने लगीं तो गांव वालों ने वैक्सीन लगवानी शुरू कर दी.