भला किसी पुलिसकर्मी को दाढ़ी रखने पर कैसे सस्पेंड किया जा सकता है. बागपत में दरोगा इंतसार अली को एसपी ने दाढ़ी रखने पर सस्पेंड कर दिया है. अब यह सबको चौंकाने वाला लगा. इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी बवाल मचा. कई लोगों ने दरोगा जी के कंधे पर बंदूक रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साध दिया.
Karnal Singh ने 22 अक्टूबर को सब इंस्पेक्टर इंतसार अली की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा,
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में तैनात सब-इंस्पेक्टर “इंतशार अली” को सस्पेंड कर दिया गया है, खबर है कि वह दाढ़ी रखते थे और पुलिस अफसरों को इससे आपत्ति थी.
वहीं बागपत पुलिस के मुताबिक, इंतशार को बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के ड्रेस कोड का पालन न करने पर निलंबित किया गया है.
बागपत के एसपी अभिषेक सिंह ने दाढ़ी रखने पर दरोगा इंतेसार अली को निलंबित करने के अपने फैसले को सही ठहराया है.
#दुखद

यहां तक को ठीक था लेकिन कुछ लोगों ने इसको लेकर प्रधानमंत्री पर भी हमला बोल दिया. Raviull Khan ने 22 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंतसार अली की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा,
बागपत के SP ने दरोगा इंतसार अली को दाढ़ी रखने के कारण निलंबित कर दिया, अगर दाढ़ी रखना अपराध है तो.. फिर देश के प्रधानमंत्री को भी उनके कार्यों से मुक्त कर दिया जाए…
दोगलई की भी हद होती है …

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इसी तरह की पोस्ट करते हुए मौ. सलमान रज़वी (Razvi) और Rebel Â. K. Ãryàñ ने भी नाराजगी जताई.

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कांग्रसी नेता Ghanshyam Bisht ने भी इसको लककर 22 अक्टूबर को पोस्ट किया,
यूपी के बगावत में सब स्पेक्टर इतसार अली को सस्पेंड कर दिया गया क्युकी उनकी दाढ़ी से अफसरों को आपत्ति थी. तो प्रधानमंत्री की दाढ़ी से आपत्ति क्यों नहीं. दाढ़ी रखकर प्रधानमंत्री बना जा सकता है तो दरोगा क्यों नहीं??
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पोस्ट सामने आने के बाद The News Postmortem ने मूंछ और दाढ़ी को लेकर पुलिस नियमावली की खोजबीन शुरू की. गूगल पर सर्च करने पर हमें Amar Ujala की खबर का एक लिंक मिला. इसके अनुसार, इससे पहले एक सिपाही ने दाढ़ी बढ़ाने को लेकर कोर्ट का दरवाजा तक खटाखटा दिया था. मई 2017 में बिजनौर पुलिस लाइन में तैनात सिपाही नईम अहमद दाढ़ी के मामले में हाईकोर्ट पहुंच गए थे. सिपाही ने उच्च अधिकारियों द्वारा दाढ़ी रखने की इजाजत नहीं देने पर अदालत का दरवाजा खटखटाया था. सिपाही के वकील का कहना था कि नईम अहमद मुस्लिम समुदाय का है. उसके मजहब में दाढ़ी रखने का नियम है. संविधान में नागरिकों को अपना धर्म मानने की इजाजत है. सिपाही ने एसपी बिजनौर को पत्र लिख दाढ़ी रखने की परमीशन मांगी थी, लेकिन उसको अनुमति नहीं मिली. इससे सिपाही को अपनी धर्म के कार्यों में समस्या आ रही है. इस पर हाईकोर्ट ने एसपी बिजनौर को सिपाही को दाढ़ी रखने की अनुमति देने का आदेश दिया था.
वन इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पुलिस महकमे के लिए एक नियमावली बनाई गई है. 10 अक्टूबर 1985 को नियमावली में सरकार ने एक और नियम जोड़ दिया था. इस नियम के तहत कोई भी कर्मी अपने सक्षम अधिकारी की इजाजत लेकर दाढ़ी रख सकत्रता है. हालांकि, मूंछों को लेकर कोई नियम लागू नहीं होता है. पुलिसकर्मी या अधिकारी अपनी मर्जी से मूंछ रख सकते हैं. हालांकि, सिख समुदाय को छोड़कर अन्य किसी भी धर्म के पुलिसकर्मी को दाढ़ी रखने के लिए अधिकारी की अनुमति लेनी होगी.
इस बारे में हमने यूपी पुलिस के रिटायर डीएसपी सीपी शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में दाढ़ी रखने के लिए नियुिक्त अधिकारी से इजाजत लेनी होगी. बिना इजाजत कोई भी दाढ़ी नहीं रख सकता है. एसपी ने जो कार्रवाई की है, वहां न्याययोचित है. केवल सिख समुदाय के कर्मी ही दाढ़ी और पगड़ी रख सकते हैं. उनको परमीशन की जरूरत नहीं है. इसके अलावा हिंदू, मुसलमान या इसाई को दाड़ी रखने के लिए इजाजत लेनी होगी.

Postmortem रिपोर्ट: पुलिस विभाग के नियमों के अनुसार बिना इजाजत कोई भी कर्मी या अधिकारी दाढ़ी नहीं रख सकता है. इसके लिए उसको अधिकारी से इजाजत लेनी होगी. इजाजत नहीं होने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है. एसपी ने कार्रवाई कानून के दायरे में की है.