कोरोना की दूसरी लहर के साथ ही भाजपा और कांग्रेस भी एक-दूसरे पर कोई वार करने से नहीं चूक रही हैं. पंजाब में अभी कुछ दिन पहले नहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन बहते हुए मिले थे. इसको लेकर पंजाब की कांग्रेस सरकार को घेरा गया था. अब सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि पंजाब के गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल काॅलेज में पीएम केयर्स फंड से दिए गए वेंटिलेटर धूल फांक रहे हैं. इसको लेकर भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है.
दिल्ली भाजपा की प्रवक्ता नीतू डबास ने एक फोटो ट्वीट करते हुए लिखा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शंस को नाले में फेंका. अब पीएम केयर्स फंड से मिले वेंटिलेटर्स को गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल काॅलेज के कोने में फेंक दिया गया. फोटो में कई वेंटिलेटर्स पड़े हुए दिख रहे हैं.
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तरुण राठी ने भी 12 मई को इस तरह की पोस्ट की. उन्होंने भी इसके लिए राहुल गांधी पर निशाना साधा.

इस माहौल में इस तरह की खबरों पर विश्वास करना मुश्किल होता है. सबसे पहले The News Postmortem ने रेमडेसिविर वाली खबर की पड़ताल की. गूगल पर तलाशने पर हमें The Tribune की खबर का लिंक मिला. इसके मुताबिक, पंजाब के रोपड़ में करीब एक हफ्ते पहले भाखड़ा नहर में 621 रेमडेसिविर इंजेक्शन के वाायल्स मिले थे. इसके साथ ही 1456 से ज्यादा सैफापेराजोन के इंजेक्शन भी मिले थे. रेमडेसिविर इंजेक्शन के वायल्स पर मैनुफैक्चरर तेलंगाना का लिखा था. इनकी एमआरपी 5400 रुपये प्रति वायल थी. पहली नजर में स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें नकली बताया था लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की थी. इसकी जांच अभी की जा रही है.

अब बात करते हैं वेंटिलेटर्स की. दूसरा दावा है कि महामारी के इस दौर में पंजाब के गुरु गोबिंद सिंह मोडिकल काॅलेज में वेंटिलेटर्स धूल फांक रहे हैं. हमने रिवर्स इमेज की मदद से गूगल पर छानबीन की तो अमर उजाला की खबर का लिंक मिला. इसके अनुसार, फरीदकोट के गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल काॅलेज अस्पताल में पीएम केयर फंड से आए वेंटिलेटर्स एक साल से कोने में पड़े हुए हैं. यह काॅलेज बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आता है. यूनिवर्सिटी के वीसी डाॅ. राज बहादुर का कहना है कि अस्पताल में 42 वेंटिलेटर्स सही काम कर रहे हैं. पीएम केयर फंड से मिले 62 वेंटिलेटर्स खराब पड़े हैं. इस बारे में कंपनी को जानकारी दी जा चुकी है. जल्द ही इन्हें सही करा लिया जाएगा. वहीं, अस्पताल प्रशासन ने कहा कि वेंटिलेटर्स की क्वालिटी अच्छी नहीं है. 82 में से 62 तो पहले दिन ही खराब निकल गए थे. इस बारे में पंजाब सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार तक सूचना पहुंचा दी गई थी.
इस बारे में The Tribune में छपी खबर के अनुसार, तकनीकी कारणों से 80 में से 71 वेंटिलेटर्स कार्य नहीं कर रहे हैं. ये पीएम केयर फंड के तहत मिले थे. इस समय अस्पताल में 310 कोविड मरीज हैं. जबकि अस्पताल के पास उपलब्ध 39 वेंटिलेटर्स में से दो कार्य नहीं कर रहे हैं. अस्पताल के स्टाफ का कहना है कि केंद्र से भेजे गए वेंटिलेटर्स पर उनको भरोसा नहीं है क्योंकि एक या दो घंटे काम करने के बाद वे बंद हो गए थे. डाक्ॅटर्स ने शिकायत की है कि इन वेंटिलेटर्स के इस्तेमाल करने के एक-डेढ़ घंटे बाद आॅक्सीजन का प्रेशर गिरने लगता है. बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वीसी डाॅ. राजबहादुर का कहना है कि उन्होंने सरकार को इस बारे में जानकारी दे दी है. पीएम केयर फंड के तहत दिए गए वेंटिलेटर्स की क्वालिटी हल्की है. बिना इन्हें ठीक कराए इनके इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी जा सकती है. वहीं, शासन की तरफ से इनकी मरम्मत के लिए इंजीनियर्स और टेक्नीशियंस को रखने की मंजूरी दे दी है. उम्मीद की जा रही है वे जल्द ही फरीदकोट पहुंच जाएंगे.

Postmortem रिपोर्टः पंजाब के फरीदकोट में गुरु गोंिबंद सिंह मेडिकल काॅलेज अस्पताल में दिए गए वेंटिलेटर्स की क्वालिटी खराब बताई गई है. इन्हें ठीक करने के बाद ही इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए इंजीनियर्स को बुलाया गया है.