क्या बकरीद के मौके पर बद्रीनाथ धाम में नमाज अदा की गई? कुछ इस तरह के दावों के साथ सोश्ल मीडिया पर 2.20 मिनट का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें स्थानीय निवासी बद्रीनाथ धाम में नमाज की बात कहते हुए नाराजगी जता रहे हैं और प्रशासन के समक्ष अपनी मांगें रख रहे हैं. इस वीडियो को कई लोगों ने शेयर किया है. साथ ही इस दावे के साथ जोशीमठ व उत्तराखंड के लोग काफी नाराज दिख रहे हैं.

@RituRathaur अकाउंट से यह वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा गया कि स्थानीय लोगों के अनुसार, पवित्र बद्रीनाथ धाम में मुस्लिमों को नमाज पढ़ने की इजाजत है लेकिन श्रावण मास में हिंदुओं को बाबा के दर्शन की अनुमति नहीं है. भाजपा सरकार के इस काम से दिमाग सुन्न हो गया है. इस बेहूदा काम को बताने के लिए कोई शब्द नहीं हैं. क्या हिंदू समाज यहीं चाहता है?

@ivyvedaz हैंडल से भी वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा गया कि भाजपा ब्रदीनाथ धाम में नमाज की इजाजत दे रही है जबकि स्थानीय लोगों को मंदिर के अंदर जाने के लिए अनुमति चाहिए.
@Sanjay_Dixit ने लिखा कि धर्मनिरपेक्षता की एक और जीत. पहली बार बद्रीनाथ धाम में नमाज अदा की गई.
इस बारे में एक अखबार की भी कटिंग मिली. खबर का शीर्षक है, ब्रदीनाथ धाम में पढ़ गई नमाज, पुरोहित भड़के. इसमें लिखा है कि ईद के मौके पर इमिहास में पहली बार हिंदुओं के पवित्र स्थलों में से एक ब्रदीनाथ धाम में नमाज अदा की गई. इससे तीर्थ कपाल पुराहित और पंडा काफी नाराज हैं. खबर के मुताबिक, ब्रदीनाथ धाम में आस्था पथ संस्था की पार्किंग बन रही है. इसमें कुछ मुस्लिम भी कार्य कर रहे हैं. ईद के दिन इन मजदूरों ने ब्रदीनाथ धाम में ईद की नमाज अदा की. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि बद्रीनाथ धाम में नमाज पढ़ा जाना हिंदू मान्यताओं और परंपराओं को ठेस पहुंचाता है. नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध कोतवाली श्री ब्रदीनाथ में डीएम एक्ट का केस दर्ज किया गया है.

The News Postmortem ने इसकी पड़ताल के लिए गूगल पर तलाश की तो अमर उजाला की खबर का लिंक मिला. इसके मुताबिक, इस मामले में बदरीनाथ थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है. ठेकेदार समेत 15 के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. पुलिस की इसकी जांच भी शुरू कर दी है. ब्रह्मकपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत प्रवक्ता डॉ. बृजेश सती का कहना है कि धाम में शंख बजाना वर्जित है. अगर वहां नमाज पढ़ी गई है तो यह अपराध है. उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. बद्रीनाथ थानाध्यक्ष सतेंद्र सिंह का कहना है कि इस मामले में ठेकेदार हरेंद्र सिंह पंवार, नाजिर व मोहम्मद आजम के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है. जबकि 12 अन्य लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है.
इस मामले में चमोली पुलिस ने 22 जुलाई को एसपी यशवंत सिंह चौहान का बयान जारी किया. इसमें उन्होंने कहा है कि 21 जुलाई 2021 को सोशल मीडिया के जरिए सूचना मिली कि ब्रदीनाथ धाम में मुस्लिमों नें नमाज अदा की है. इसकी छानबीन में पता चला है कि मंदिर से एक किलामीटर पहले एक पार्किंग बन रही है. उसके स्थानीय ठेकेदार हरेंद्र पवार के ये मजदूर थे. पार्किंग के निचले तल में एक कमरा बना है, जिसमें वे रहते हैं. वहीं पर हो सकता है कि नमाज पढ़ी गई होगी. हालांकि, इसका कोई साक्ष्य नहीं है. उन्होंने किसी सार्वजनिक थल पर नमाज नहीं पढ़ी गई है, न ही किसी मौलवी को बुलाया गया था और न ही लाउडस्पीकर लगाया गया था. सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न दें और इसे फैलने से रोकें. आरोपों को देखते हुए डीएम एक्ट में केस दर्ज किया गया है. इसकी जांच जारी है.

Postmortem रिपोर्ट: चमोली एसपी यशवंत सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही बातों को अफवाह बताया है. उनके अनुसार, बद्रीनाथ धाम में नामज पढ़े जाने संबंधित कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है. हो सकता है कि उन्होंने निर्माणाधीन पार्किंग में कमरे में नमाज पढ़ी होगी लेकिन इसका भी कोई सबूत नहीं है.