पश्चिम बंगाल में हुए चुनाव परिणाम में टीएमसी यानी तृणमूल कांग्रेस ने बाजी मारी और ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. काफी कोशिशों के बाद भी भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिली. हां, 2 मई को चुनाव परिणाम आते ही राज्य से हिंसा की कई खबरें आने लगीं. इनमें कई फर्जी वीडियो और फोटो भी पोस्ट की जाने लगीं. The News Postmortem ऐसी ही एक पोस्ट का फैक्ट चेक कर उसे फेक साबित कर चुका है. दावा किया गया था कि पश्चिम मिदनापुर में 20 साल की युवती से गैंगरेप व हत्या की वारदात राजनीति से प्रेरित थी. टीएमसी का विरोध करने पर उसके साथ यह घिनौनी वारदात की गई है जबकि पड़ताल में पता चला कि वारदात में राजमिस्त्रियों का हाथ था और उनको गिरफ्तार कर लिया गया है.
सोशल मीडिया पर एक और फोटो काफी वायरल हो रही है. इसमें एक महिला के काफी चोट लगी हुई है. इसका संबंध बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा से जोड़ा जा रहा है. ब्लू टिक वाले अश्विनी उपाध्याय ने भी 6 मई को इस फोटो करके इसे बंगाल चुनाव से संबंधित बनाया. हालांकि, बाद में उन्होंने इस फोटो को डिलीट कर दिया. हमने इसका कैचे वर्जन निकाला, जिसमें डिलीट की हुई फोटो देखी जा सकती है.

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इनके अलावा रजनीश शुक्ला बस्ती यूपी के अकाउंट से भी इस फोटो को पोस्ट किया गया. ईशा बजाज, धेराज मीना, आदि राज और रवि तिवारी बिहारी ने भी इस फोटो का इस्तेमाल करते हुए इसे बंगाल हिंसा से जोड़ा. रवि तिवारी बिहारी ने यह भी लिखा,
इनका कसूर सिर्फ इतना था कि इन्होने भाजपा को वोट किया था.
टीएमसी के गुंडों ने घर मे घुस कर मारा.

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फोटो को हमने रिवर्स इमेज पर सर्च करने से हमें फेसबुक पर एक पोस्ट मिली, जिसमें इस फोटो को पोस्ट किया गया है. বাংলাদেশ হিন্দুদের পহ্ম প্রতিবাদ यानी बांग्लादेश में बसे हिंदुओं पर हो रह अत्याचार को लेकर यह पेज बनाया गया है. इस पर 4 नवंबर 2020 को यह फोटो पोस्ट की गई है. इसके अनुसार,
चटगांव हथजारी अमन बाजार में गरीब हिन्दू रतन नाथ की संपत्ति जब्त
दिनांक 1 नवंबर 2020 रविवार को भूमि दस्यु मो. रुबेल, एमडी। शकील एमडी चटगांव जिले के हथजारी थाना के पूर्व अमन बाजार के युगीर टोपी के पास एक मकान पर कब्जा करने के उद्देश्य से अरमान ने अनुकूल मास्टर रतनानाथ और मुक्ता देवी पर हमला किया. थाने में मुकदमा दर्ज होने पर भी आरोपी गिरफ्तार नहीं. इस बीच लाचार परिवार सुरक्षा की कमी से ग्रस्त है.
मतलब यह फोटो बांग्लादेश की है और पिछले साल नवंबर की है.

bharatsamacharbengla.in पर भी हमें एक खबर का लिंक मिला. इसमें 8 नवंबर 2020 को एक खबर छपी है. इसे ट्रांसलेट करने पर हमें पता चला कि यह फोटो बांग्लादेश की है. भाजपा नेता सुब्रमह्ण्यम स्वामी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर आवाज उठाई है.
ट्विटर पर हमें वेस्ट बंगाल पुलिस का वेरीफाइड ट्विटर अकाउंट मिला. 6 मई को किए ट्वीट में इस फोटो को फेक बताया गया. इसके मुताबिक, यह फोटो बांग्लादेश में जमीन को लेकर हुई लड़ाई से संबंधित है.
Postmortem रिपोर्टः सोशल मीडिया पर वायरल घायल महिला की फोटो बांग्लादेश की है. इसका बंगाल चुनाव के बाद हिंसा से कोई संबंध नहीं है. खुद भाजपा सांसद इस मामले में आवाज उठा चुके हैं.