कोरोना की दूसरी लहर क्या आई, पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई. आम लोगों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं. लोग सड़कों पर दम तोड़ रहे हैं. हालात इतने खराब हैं कि सोशल मीडिया पर लोग जिंदगी बचाने की गुहार लगा रहे हैं लेकिन उनकी उम्मीदें दम तोड़ रही हैं.
ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद के इंदिरापुरम में भी सामने आया. 4 मई 2021 के एडिशन में अमर उजाला में एक खबर छपी. इसके मुताबिक, इंदिरापुरम के न्यायखंड में एक 72 साल के बुजुर्ग सूरज कश्यप की तबीयत काफी बिगड़ गई. उनकी बेटी कोरोना पाॅजिटिव होने के चलते कमरे में बंद है, जबकि पत्नी दृष्टिहीन है. आम्रपाली सोसायटी में रहने वाले इस बुजुर्ग की सहायता के लिए इंदिरापुरम की पुलिस पहुंची और उनको गाजियाबाद के सर्वोदय अस्पताल ले गए. वहां उनको उपचार दिलाकर वापस घर भेज दिया.

The News Postmortem ने इससे संबंधित ट्वीट्स तलाशे तो सच्चाई कुछ और निकली. हमने सबसे पहले मदद वाला ट्वीट तलाशा. 2 मई को फरहान अख्तर नाम के शख्स ने ट्वीट किया कि 72 साल के सूरज कश्यप कोरोना निगेटिव हैं. उनकी पत्नी दृष्टिहीन हैं. एक बेटी कोरोना पाॅजिटिव है, जो होम आईसोलेट है. सूरज की हालत काफी गंभीर है. उनको फौरन अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता है. 15 दिन से उन्होंने खाना भी नहीं खाया है.

इसके जवाब में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने 3 मई की शाम को ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सर्विलांस के जरिए इनकी लोकेशन निकाली गई और यूपी पुलिस इनके घर पहुंची. इनके परिवार के सदस्य को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. इसके लिए शलभमणि त्रिपाठी ने गाजियाबाद पुलिस की सराहना भी की. इसके साथ ही 33 सेकंड की एक वीडियो भी पोस्ट की गई, जिसमें बुजुर्ग को एंबुलेंस में ले जाते हुए पुलिसकर्मी दिख रहे हैं.

इस ट्वीट के करीब 20 मिनट बाद ही पूजा प्रसन्ना ने ट्वीट किया कि वह उनमें से एक थी, जिन लोगों ने बुजुर्ग को नाॅन कोविड अस्पताल सर्वोदय हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पहुंचाया था. पुलिसकर्मी बुजुर्ग के साथ अस्पताल तक गए थे. सूरज को 103 डिग्री बुखार था. अस्पताल ने उनको भर्ती करने से मना कर दिया. उन्होंने अस्पताल से विनती की कि बुजुर्ग को भर्ती कर लें. उनका कोविड टेस्ट निगेटिव आया है लेकिन अस्पताल ने उनको भर्ती नहीं किया. इसके बाद पुलिस उनको घर छोड़ गई और एंबुलेंस ड्राइवर को उसका किराया दे दिया. बुजुर्ग को अब भी सहायता की जरूरत है. कुछ देर में पूजा ने फिर ट्वीट कर बताया कि बुजुर्ग की मौत हो गई है. उन लोगों ने उनको बचाने की काफी कोशिश की लेकिन वे सफल नहीं हो पाए.


Postmortem रिपोर्टः इसके आधार पर कहा जा सकता है कि पुलिस की मदद बुजुर्ग को अस्पताल तो ले जाया गया लेकिन अस्पताल ने उनको भर्ती नहीं किया. इसके बाद पुलिस उनको घर छोड़ गई. इलाज के अभाव में बुजुर्ग की मौत हो गई.