दिलीप कुमार को ट्रेजडी किंग कहें या एक्टिंग की पाठशाला या फिर अभिनय की यूनिवर्सिटी. हर एक टाइटल उन पर सटीक बैठता है. इस अजीम फनकार के निधन के साथ ही अभिनय की दुनिया का दौर खत्म हो गया. 7 जुलाई 2021 को दिलीप कुमार उर्फ मोहम्मद यूसुफ खान इस दुनिया को रोता हुआ छोड़कर चले गए थे. इसके बाद सोशल मीडिया पर बैठे कुछ यूजर्स ने दिलीप कुमार पर निशाना साधना शुरू कर दिया.
SHIVI SAXENA ने ट्वीट कर कहा, युसूफ खान यानि दिलीप कुमार ने अपनी सारी प्रॉपर्टी मुस्लिम वक्फ बोर्ड को दे दी…
DNA का चक्कर बाबू भैया DNA..

इसी तरह Puspa_ba ने भी लिखा, दिलीप कुमार उर्फ यूसुफ खान मरने के बाद भी मुस्लिमों के काम आया. मुस्लिम वक्फ बोर्ड को अपनी पूरी संपत्ति देकर चला गया और यहां हिंदू, हिंदू का गला काट रहे हैं. सुधर जाओ जाहिलों, कुछ सीखो मुसलमानों से, की एकता कैसे बनाई जाती है.
INDVishalRuhela आईडी से भी ट्वीट किया गया, मोहम्मद युसूफ उर्फ दिलीप कुमार के लिए आंसू बहाने वाले काफिर दोगलो, आंखे खोलो और देखो, वो अपनी संपत्ति मुस्लिम वक्फ-बोर्ड को देकर गया है. हिन्दू मंदिरों को फूटी—कौड़ी भी नहीं दी. उसने…
राष्ट्रवादी हिंदू, वीरे विशाल और अर्नब गोस्वामी के नाम से बनी आईडी से भी इस तरह के ट्वीट किए गए.


The News Postmortem से इस पोस्ट की पड़ताल करने को कहा गया. हमने गूगल पर इसकी छानबीन की. Patrika में छपी खबर के मुताबिक, दिलीप कुमार अपने पीछे करोड़ों की संपत्ति छोड़ गए हैं. उनकी मौजूदा संपत्ति करीब 8.5 करोड़ डॉलर है. अगर भारतीय मुद्रा में बात करें तो यह करीब 627 करोड़ रुपये होती है. दिलीप कुमार बॉलीवुड में पहले एक्टर थे, जिन्होंने अपनी फिल्म के लिए एक लाख रुपये फीस ली थी. 50 के दशक में एक लाख रुपये काफी बड़ी रकम होती थी. उनकी यह फिल्म ज्वार भाटा 1944 में रिलीज हुई थी. दिलीप कुमार ने अपनी आखिरी फिल्म के लिए 12 लाख रुपये चार्ज किए थे, जो बन नहीं पाई थी. ट्रेजडी किंग ने अपने 54 साल के फिल्मी सफर में 62 फिल्मों में काम किया था.

tv9hindi के अनुसार, दिलीप कुमार 250 करोड़ के बंगले को लेकर काफी चर्चा में रहे थे. दिलीप कुमार उर्फ यूसुफ खान के भाइयों के नाम असलम खान और एहसान खान हैं. मुंबई के बांद्रा में स्थित दिलीप कुमार का बंगला नंबर— 16 1,600 वर्ग मीटर में फैला हुआ है. 1953 में दिलीप कुमार ने इसको खरीदा था. इसकी कीमत 250 करोड़ रुपये से ज्यादा है. वर्ष 2007 में एक करारनामा हुआ था, जिसमें तय हुआ था कि दिलीप कुमार को 1200 वर्ग फुट जगह अपने भाई अहसान खान और 800 वर्ग फुट असलम को देनी होगी. दिलीप कुमार इस बंगले को फिर से बनवाना चाहते थे. वह इसको खाली करवाना चाहते थे लेकिन दोनों भाई इसके लिए तैयार नहीं हुए. मामला कोर्ट में चला और फिर 2017 में दिलीप कुमार ने यहां बिल्डिंग बनाने की बात कही. तब से यहां काम चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां पर एक म्यूजियम बनेगा. साथ ही आधा हिस्सा दिलीप कुमार व सायरा बानो के नाम होगा.

Maharashtratimes के अनुसार, 2000 से 2006 तक राज्यसभा सांसद रहे दिलीप कुमार का पैतृक घर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में है. पाकिस्तान सरकार ने इसकी कीमत 80.56 लाख रुपये लगाई है.

Postmortem रिपोर्ट: दिलीप कुमार उर्फ यूसुफ खान के निधन के बाद उनकी संपत्ति वक्फ बोर्ड को देने से संबंधित कोई भी खबर हमें गूगल पर नहीं मिल. न ही इस तरह की कोई खबर किसी न्यूजपेपर में छपी है. हां, उनके एक बंगले को तोड़कर उसके आधे हिस्से में म्यूजियम बनाने की बात जरूर सामने आ रही है.