सोशल मीडिया पर दो वीडियो और कुछ फोटो तेजी से वायरल हो रहे हैं. इसमें एक में वीडियो में टाइटल Justice for soldier laxman लिखा है. 1 मिनट के वीडियो के साथ ही एक 24 सेकंड की सीसीटीव फुटेज भी वायरल हो रही है. साथ ही कुछ फोटो हैं, जिनमें घायल व्यक्ति के घावों को दिखाया गया है. दावा किया गया है कि पुलिस वालों ने बीमार मां का इलाज कराने आए फौजी को बुरी तरह से पीटा है. उसको किसी मीडिया हाउस ने कवर नहीं किया है.

एक मिनट के वीडियो में एक युवक कह रहा है कि अपनी बीमार मां का इलाज कराने गए आर्मी के जवान लक्ष्मण सिंह को पुलिसवालों ने बुरी तरह पीटा. किसी मीडिया हाउस ने उसको कवर नहीं किया. इस वीडियो को इतना शेयर करो कि मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच जाए. इसके साथ में मैसेज है,
मैं इस वीडियो को शेयर करूंगा और चार ग्रुप में डालूंगा. कोई पुलिस वाले को अधिकार नहीं है कि फौजी भाई के ऊपर हाथ उठाए. मेरे हिसाब से जितने पुलिस वाले मारे हैं, सब को सस्पेंड और बाकी की जिंदगी जेल में सड़ने के लिए छोड़ दो. जय हिंद. जय श्री राम

24 सेकंड की सीसीटीवी फुटेज में एक शख्स को दो—तीन लोग मारते दिख रहे हैं. इनमें से एक पुलिस की वर्दी में है. वह रो रहा है लेकिन पुनिसवाले उसे पीटे जा रहे हैं. फोटोज में घायल शख्स का चेहरा और उसके घावों को दिखाया गया है.

Justice for soldier laxman लिखे वीडियो को देखने पर हमें उस पर शक हुआ. वीडियो में इंसाफ मांग रहे शख्स के चेहरे पर कोई चिंता या सिकन नहीं दिख रही है. The News Postmortem ने सबसे पहले इस वीडियो से एक तस्वीर लेकर गूगल पर रिवर्स इमेज प्रोसेज से तलाश की. छानबीन में हमें कुछ यूट्यूब वीडियो के लिंक मिले. इन पर इस वीडियो को अपलोड किया गया है लेकिन कोई जानकारी नहीं है.
छानबीन में हमें Indian Army On The Height Of World फेसबुक पेज पर यह वीडियो मिल गया. खास बात यह है कि इस पेज पर वीडियो को 25 अप्रैल 2020 को अपलोड किया गया है. मतलब करीब डेढ़ साल पहले. हालांकि, इसमें कोई जानकारी नहीं दी गई है.

हमने लक्ष्मण सिंह फौजी की पिटाई समेत कई कीवर्ड्र्स से गूगल को खंगाला लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली. इसके बाद हमने सीसीटीवी फुटेज से तस्वीर निकालकर गूगल पर तलाश की तो अमर उजाला और दिव्य भास्कर का लिंक मिला. 4 सितंबर 2021 को अमर उजाला में पब्लिश खबर में इस सीसीटीवी फुटेज का एक स्क्रीनशॉट लगा हुआ था. खबर के मुताबिक, यह मामला 29 अगस्त की रात का है. गुजरात के जूनागढ़ का यह घटना हुई है. मनावदार तालुका के पदर्दी गांव में सेना के जवान कान्हाभाई केशवाला को पुलिसवालों ने बेदर्दी से पीटा है. वह छुट्टी पर घर आया था. इसका वीडियो वायरल होने के बाद दो पुलिसकर्मियों राजेश बांधिया और चेतन मकवाना को सस्पेंड कर दिया गया है.

दिवय भास्कर पर यह वीडियो भी मिल गई. उसमें छपी खबर के मुताबिक, 29 अगस्त को पुलिस को सूचना मिली कि पदर्दी गांव में लव मैरिज को लेकर कुछ बवाल हो सकता है. वहां 20—25 लोगों की भीड़ ने पुलिस पर हमला करके उसके वाहन का शीशा तोड़ दिया. पथराव के बाद एक महिला पुलिसकर्मी समेत पुलिवाले वहां से जान बचाकर भागे. महिला पुलिसकर्मी ने अपने सीनियर अधिकारियों को इसकी जानकारी दी तो पुलिस बल वहां पहुंचा. पुलिस ने वहां से 6 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें सेना का जवान कान्हाभाई गोविंदभाई केशवाला और उसकी मां भी शामिल है. आरोप है कि पुलिस वालों ले जवान और उसके परिजनों को बुरी तरह पीटा है. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
इसके बाद कुछ फौजियों और रिटायर फौजियों ने पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत की. एसपी से भी इसकी शिकायत की गई है. वीडियो सामने आने के बाद गुजरात के लोग पुलिसवालों से काफी नाराज हैं. केशॉड डिप्टी एसपी जेबी गाधवी का कहना है कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. इसकी जांच की जा रही है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिसकर्मियों राजेश पर्बत बांधिया और चेतन देवाशी मकवाना को सस्पेंड कर दिया गया है. इनके खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी गई है.

Postmortem रिपोर्ट: सीसीटीवी फुटेज और लक्ष्मण सिंह के लिए इंसाफ मांगने वाले वीडियो में कुछ भी समान नहीं है. वायरल वीडियो करीब डेढ़ साल पुराना है. उसका कोई प्रूफ भी नहीं मिल रहा. साथ ही वीडियो देखने से लगता है कि उसे वायरल करने मकसद से बनाया गया है. सीसीटीवी फुटेज गुजरात के जूनागढ़ की है. उसमें जवान का नाम कान्हाभाई गोविंदभाई केशवाला है न कि लक्ष्मण सिंह. फोटो में दिख रहा शख्स कान्हाभाई की तरह लग रहा है लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं कर सकते हैं.