केंद्र सरकार द्वारा कृषि बिल के खिलाफ देश भर के किसान दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीँ देश के अलग-अलग इलाकों में भी इस बिल को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन चल रहा है. इसी बीच किसान आन्दोलन से जुड़े कई तरह के पोस्ट भी वायरल हो रहे हैं.कुछ इसी तरह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ सिख लोग पकिस्तान जिंदाबाद और खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं, लोग इसे किसान आन्दोलन से जोड़कर वायरल कर रहे हैं और किसान आन्दोलन पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
The News Postmortem ने इसकी पड़ताल शुरू की. फेसबुक पर हमें ये पोस्ट हिंदुत्व नामक पेज पर मिला. जहाँ 45 सेकेण्ड का ये वीडियो मिला. इसके साथ एक मैसेज भी लिखा था कि अगर आप भी चाहते हैं कि इनके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें.

यही वीडियो हमें ट्विटर पर भी मिला जो आठ दिसम्बर को हार्दिक मियानी नामक यूजर ने शेयर किया था, उसमें भी यही मैसेज लिखा था.
हमने मौजूदा किसान आंदोलनों से जुडी खबरों को सर्च किया तो कहीं भी इस तरह का कोई भी प्रोटेस्ट नजर नहीं आया. इस बीच कई तरह के फेक पोस्ट भी वायरल हुए थे, जिनकी पड़ताल भी The News Postmortem ने की है. हमने वीडियो में नारेबाजी के कीवर्ड्स से सर्च किया तो हमें youtube पर एक वीडियो मिला. जोकि 19 अक्टूबर 2015 का है. उसमें यही सिख प्रदर्शन कर रहे हैं. वीडियो के विवरण के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के बारामूला में गुरुग्रंथ साहिब के अपमान के खिलाफ सिख समुदाय ने ये विरोध प्रदर्शन किया था. यानि ये पांच साल पुराना वीडियो है उसका हालिया किसान आन्दोलन से कहीं कोई लेना-देना नहीं है.
वहीँ जब हमने खबर की पुष्टि के लिए और सर्च किया तो हमें 19 अक्टूबर 2015 का ही डेक्कन क्रोनिकल का लिंक मिला. जिसमें पुष्टि हुई कि सिख समुदाय ने प्रदर्शन किया था और खालिस्तान-पकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे.

Postmortem रिपोर्ट:- पड़ताल में ये साबित हो गया कि हालिया कृषि बिल के खिलाफ चल रहे किसान आन्दोलन में इस तरह की नारेबाजी नहीं हुई. ये वीडियो पांच साल पुराना जम्मू-कश्मीर का है. इसको गलत मकसद से वायरल किया जा रहा है.