Pm Narendra Modi ने 3 जुलाई को अचानक लेह पहुंचकर सबको चौंका दिया था. वहां उन्होंने 15 जून को गलवान घाटी में हुए संघर्ष में घायल अधिकरियों व सैनिकों से मुलाकात की. लेह स्थित आर्मी हॉस्पिटल में उन्होंने भारतीय सेना के वीर जवानों से मुलाकात की थी. इसकी वीडियो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर की थी.
इसके अलावा BJP के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी इसकी फोटो शेयर की कई थीं.
पीएम मोदी के लेह दौरे पर कई लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल खड़े कर दिए थे. इसको लेकर मध्य प्रदेश से कांग्रेसी नेता जीतू पटवारी ने भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था. इंदौर से एमएलए जीतू पटवारी ने अपने ट्विटर एकाउंट पर 4 जुलाई को एक पोस्ट डाली थी. इसमें उन्होंने लिखा था, एक स्थान पर दो अलग- अलग काम क्यों हो रहे हैं. देश कंफ्यूज है? अस्पताल है या कन्वेशन सेंटर…. इसके साथ ही उन्होंने दो फोटो भी पोस्ट की थी. इसमें से एक फोटो लेह में अस्पताल में जवानों से मिलते पीएम मोदी की थी जबकि दूसरी भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की नाश्ता करते हुई थी. फोटो डालकर सवाल उठाए गए कि यह अस्पताल नहीं था बल्कि फोटो खिचाने के लिए स्टेज तैयार किया गया था.
आम आदमी पार्टी (AAP) की सोशल मीडिया टीम की सदस्य आरती @aartic02 ने भी इस बारे में प्रणानमंत्री के दौरे पर सवाल उठाए. उन्होंने 4 जुलाई को एक फोटो शेयर करते हुए लिखा था, देश से इतना बड़ा धोखा? फोटो के लिए कॉन्फ्रेंस रूम को अस्पताल में बदल दिया गया.
इसके अलावा कई ट्विटर यूजर्स ने ये सवाल भी उठाए थे कि पेशेंट के आईडी बैंड नहीं हैं. पल्स ऑक्सीमीटर नहीं हैं. मॉनिटर नहीं है. किसी को ड्रिप नहीं चढ़ी हुई है. इमरजेंसी क्रैश कार्ट नहीं है. कोई डॉक्टर मरीजों का हालचाल भी नहीं बता रहा है.
अब कांग्रेस समर्थक मंजू मैसी ने अपने ट्विटर अकाउंट @manjumassey पर पीएम मोदी के लेह दौरे की एक फोटो पोस्ट की. इसमें उन्होंने वहां बैठे सेना के एक जवान को लाल रंग्र के घेरे में करके उनको भाजपा विधायक तेजिंदर पाल सिंह बग्गा बताया. साथ ही उन्होंने लिखा, अरे ये तो लक्कड़बग्गा निकाला। झूठ तुम दिखाओ, सच हम दिखाएंगे। इस ट्वीट को 8 जुलाई की सुबह 11 बजे तक 1200 से ज्यादा लोग रिट्ववीट क चुके थे.
यह पोस्ट सामने आने पर The News Postmortem की टीम ने इसकी सच्चाई सामने लाने की ठानी. हमारी टीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद्री के दौरे पर उठ रहे सवालों को लेकर पहले ही पड़ताल कर चुकी है. पहले हम प्रधानमंत्री मोदी के लेह दौरे को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देते हैं.
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान धोनी 15 अगस्त 2019 को लद्दाख में सेना के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए थे. भारतीय सेना की तरफ से धोनी को लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि मिली हुई है. उनका यह फोटो उसी कार्यक्रम का था.

सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवाना ने भी 23 जून को इस आर्मी अस्पताल का दौरा किया था. उस समय भी इन जवानों को कोई ड्रिप नहीं लगी हुई थी. लोकेशन भी पीएम मोदी के दौर वाली थी. सेना के अधिकृत ट्विटर एकाउंट पर ये फोटो शेयर की गई थी.
इस विवाद के बाद भारतीय सेना भी एक बयान जारी किया था. बीबीसी में छपी खबर के मुताबिक, सेना ने अपने बयान में इस तरह के सवाल उठाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था, सेना के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने जिस जगह का दौरा किया है, वह जनरल हॉस्पिटल कॉम्प्लेक्स का क्राइसिस एक्सपेंशन है. इसमें 100 बेड हैं. सेना ने कहा था कि कोविड—19 की वजह से अस्पताल के कुछ वार्डों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया गया है. पहले यह हॉल आमतौर पर ऑडियो-वीडियो ट्रेनिंग हॉल के तौर पर प्रयोग होता था. अब उसे एक वार्ड में परिवर्तित कर दिया गया है. घायल जवानों को यहां क्वारंटीन किया गया है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट: इससे यह साफ होता है कि पीएम मोदी के लेह दौरे पर उठाए गए सवाल गलत हैं. इसका सेना ने भी जवाब दे दिया है. अब सवाल उठता है जवान को लेकर तेजिंदर पाल सिंह बग्गा पर उंगली उठाने की. तो जब वहां पर अस्पताल का स्टेज तैयार नहीं किया गया था तो हिरनगर विधानसभा से विधायक बग्गा का वहां होने का सवाल ही नहीं उठता. केवल कड़ा पहने होना ही इसका सबूत नहीं है. इसको लेकर बग्गा ने भी अपने ट्विटर अकाउंट @TajinderBagga पर 7 जुलाई को पोस्ट किया, वैसे हर कड़ा पहनने वाला सरदार बग्गा नहीं होता।